अक्षय तृतीया, जिसे आखातीज भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है "अक्षय" का अर्थ होता है, जो कभी क्षय न हो, यानी जिसका कभी नाश न हो। इसी विश्वास के साथ इस दिन जो भी पुण्य कर्म, दान, पूजन या निवेश किया जाता है, वह अनंत गुणा होकर फल देता है
*अक्षय तृतीय कब है?*
वैशाख माह शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि आरंभ: 29 अप्रैल, सायं 05: 31 मिनट पर
वैशाख माह शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि समाप्त: 30 अप्रैल, दोपहर 02:31 मिनट पर
उदया तिथि के अनुसार अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई जाएगी
*अक्षय तृतीय सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त*
30 अप्रैल, बुधवार प्रातः 5: 41 मिनट से लेकर दोपहर 2:12 मिनट तक रहेगा
सोना खरीदने के लिए कुल अवधि: 8 घंटे 30 मिनट
*अक्षय तृतीया पर होता है शादी का अबूझ मुहूर्त*
अक्षय तृतीया पर एक अबूझ मुहूर्त होता है। अबूझ मुहूर्त का मतलब होता है कि इस दिन विवाह समेत कोई भी काम करने के लिए शुभ मुहूर्त देखने की आवश्कता नहीं होती, लेकिन इस बार अक्षय तृतीया पर विवाह का शुभ काम नहीं किया जा सकेगा
*अक्षय तृतीया पर इस बार भी कोई विवाह मुहूर्त नहीं है?*
इस बार अक्षय तृतीया पर कोई विवाह मुहूर्त नहीं है. इसका कारण ये है कि अक्षय तृतीया के दिन गुरू और शुक्र ग्रह दोनों ही अस्त हो जाएंगे। गुरू और शुक्र दोनों ही ग्रह विवाह के कारक माने गए हैं। इसलिए जरूरी है कि विवाह के लिए दोनों ग्रह उदय रहें। बता दें कि साल 2024 यानी पिछले साल भी अक्षय तृतीया पर गुरू और शुक्र ग्रह अस्त हो गए थे। इस कारण पिछले साल भी अक्षय तृतीया पर कोई विवाह मुहूर्त नहीं था। इस साल भी ग्रहों की वजह से वो स्थिति दुबारा बन गई है
*अक्षय तृतीया का महत्व*
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के ही दिन भगवान परशुराम ने धरती पर अवतार लिया था। इस दिन को भगवान परशुराम के जन्मदिन के रूप में मानाया जाता है। वहीं एक पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन मां गंगा धरती पर उतरी थीं। इस दिन मां अन्नपूर्णा का भी जन्मदिन मनाया जाता है मान्यताओं के अनुसार, इस दिन जो भी शुभ काम किए जाते हैं उसमें बढ़ोतरी होती है
*अक्षय तृतीया (आखातीज) कल*
अक्षय तृतीया, जिसे आखातीज भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। "अक्षय" का अर्थ होता है, जो कभी क्षय न हो, यानी जिसका कभी नाश न हो। इसी विश्वास के साथ इस दिन जो भी पुण्य कर्म, दान, पूजन या निवेश किया जाता है, वह अनंत गुणा होकर फल देता है
*अक्षय तृतीय कब है?*
वैशाख माह शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि आरंभ: 29 अप्रैल, सायं 05: 31 मिनट पर
वैशाख माह शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि समाप्त: 30 अप्रैल, दोपहर 02:31 मिनट पर
उदया तिथि के अनुसार अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई जाएगी
*अक्षय तृतीय सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त*
30 अप्रैल, बुधवार प्रातः 5: 41 मिनट से लेकर दोपहर 2:12 मिनट तक रहेगा
सोना खरीदने के लिए कुल अवधि: 8 घंटे 30 मिनट
*अक्षय तृतीया पर होता है शादी का अबूझ मुहूर्त*
अक्षय तृतीया पर एक अबूझ मुहूर्त होता है। अबूझ मुहूर्त का मतलब होता है कि इस दिन विवाह समेत कोई भी काम करने के लिए शुभ मुहूर्त देखने की आवश्कता नहीं होती, लेकिन इस बार अक्षय तृतीया पर विवाह का शुभ काम नहीं किया जा सकेगा
*अक्षय तृतीया पर इस बार भी कोई विवाह मुहूर्त नहीं है?*
इस बार अक्षय तृतीया पर कोई विवाह मुहूर्त नहीं है. इसका कारण ये है कि अक्षय तृतीया के दिन गुरू और शुक्र ग्रह दोनों ही अस्त हो जाएंगे। गुरू और शुक्र दोनों ही ग्रह विवाह के कारक माने गए हैं। इसलिए जरूरी है कि विवाह के लिए दोनों ग्रह उदय रहें। बता दें कि साल 2024 यानी पिछले साल भी अक्षय तृतीया पर गुरू और शुक्र ग्रह अस्त हो गए थे। इस कारण पिछले साल भी अक्षय तृतीया पर कोई विवाह मुहूर्त नहीं था। इस साल भी ग्रहों की वजह से वो स्थिति दुबारा बन गई है
*अक्षय तृतीया का महत्व*
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के ही दिन भगवान परशुराम ने धरती पर अवतार लिया था। इस दिन को भगवान परशुराम के जन्मदिन के रूप में मानाया जाता है वहीं एक पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन मां गंगा धरती पर उतरी थीं इस दिन मां अन्नपूर्णा का भी जन्मदिन मनाया जाता है मान्यताओं के अनुसार, इस दिन जो भी शुभ काम किए जाते हैं उसमें बढ़ोतरी होती है